Ekata Prakashan is an authors’ own publishing enterprise, not a business-oriented publishing house in any respect.
Here authors are eager to have their works published with their own generosity. Their endeavour is to foster literature, not professionalism.
Ekata Prakashan shows special enthusiasm for the publication of those notable works of Rajasthani language that add to the amplitude of the literature of our mother tongue.
At the same time, Ekata Prakashan is quite aware of the significance of the current issues and their far reaching consequences.
This enterprise of literary co-operation will flourish with your encouragement, this is the necessary dialogue.
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Ekata Prakashan
एकता प्रकाशन एक व्यावसायिक प्रकाशन गृह न होकर लेखकों का अपना प्रकाशन है। यहां लेखक अपनी कृति अपने सौजन्य से प्रकाशित करने के प्रति उद्यत हैं। उनका उद्योग साहित्य संवर्धन है, न कि व्यावसायकिता।
एकता प्रकाशन राजस्थानी भाषा की उन उल्लेखनीय कृतियों के प्रकाशन के प्रति खासकर उत्साहित है, जिन कृतियों के आने से इस मातृभाषा का साहित्य और विपुलता को प्राप्त हो। साथ ही साथ एकता प्रकाशन सम सामयिक विषयों के प्रति भी जागरूक है।
साहित्य सहकार का यह उपक्रम आपके प्रोत्साहन से और विकसित हो, यही जरूरी संवाद है।
कृते
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