Kahna hi hai to kaho / कहना ही है तो कहो
₹150.00
लेखक का नाम – कुमार अजय
विधा – कविता
मूल पुस्तक की भाषा – हिन्दी
प्रकाशन वर्ष – 2013
पृष्ठ – 80
ISBN – 978—93—83148—08—0
Description
कहना ही है तो कहो प्रेम और आक्रोश के युवा कवि कुमार अजय की कविताएं राजस्थानी भाषा में जिस ढंग से उल्लेखनीय उपस्थिति के साथ दर्ज होती रही हैं, उसी ढंग की कविताएं यहां हिंदी में हैं। कवि प्रेम को अनुभव ही नहीं करता, जीता है और तमाम उन चुप्पियों को तोड़ता है जो कहने से वंचित रही हैं। कवि धड़ल्ले से कहता है— कहना ही है तो कहो…! समय चुप्पी का जरूर है परंतु प्रेम कहना जानता है। कवि की कविताओं में यही आलाप प्रमुखता से है जो पाठक को चकित कर देता है।
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